test

क्या विधायक की हत्या फ़ाइनल जस्टिस का केस था?

पुर्णिया विधायक राज किशोर केशरी की हत्या प्राइवेट स्कूल राजहंस पब्लिक स्कूल की संचालिका रूपम पाठक ने कल क्यों की,इस पर बहस छिड़ चुका है.महिला ने विधायक जी पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि वो (विधायक) पापी है,वो मर नहीं सकता.उसने मेरी जिंदगी को नरक बना दिया था.रूपम को अपने किये पर कोई पश्चाताप नही है. दरअसल यौन शोषण के मामले को लेकर उसने न्यायालय में एक केश भी दर्ज कराया था लेकिन बतौर महिला उसपर विधायक के लोगों द्वारा दबाव बनाया गया था कि न्यायालय में आरोप के वापस लेने हेतु बयान दे.सच जो भी हो,ये कड़वा सच है कि विधायक जी की हत्या हो चुकी है,और रूपम पाठक का कड़ी सुरक्षा में अस्पताल में इलाज चल रहा है.पर इस वक्त का सबसे बड़ा सवाल क्यों कोई इस तरह क़ानून अपने हाथ में लेकर फैसला खुद सुना देता है?
     ये बात तो तय है कि दबंग प्रवृति के लोग कमजोर को अपने अत्याचार का शिकार बनाते हैं.यहाँ तीन तरह के लोग होते हैं,जिन पर अत्याचार होते हैं.और ठीक इसी तरह जस्टिस(न्याय) भी तीन तरह के होते हैं-लीगल जस्टिस(विधिक न्याय), नेचुरल जस्टिस(प्राकृतिक न्याय) और फायनल जस्टिस(अंतिम न्याय). पीड़ित व्यक्ति न्याय पाने हेतु  देश के क़ानून (लीगल जस्टिस) का सहारा लेता है.यानी न्यायालय की शरण में.जब व्यक्ति को ऐसा लगता है कि यहाँ न्याय बिकता है और यहाँ से उसे न्याय मिलने वाला नही है तो कभी-कभी व्यक्ति हार कर मान लेता है कि अब भगवान ही जो करें यानी वह नेचुरल जस्टिस (प्राकृतिक) न्याय में विश्वास करने लगता है.बहुत से मामलों में उपरवाले का न्याय देखा भी गया है.पर क्या हो,जब किसी व्यक्ति को न तो न्यायालय से न्याय मिले और न ही उपरवाला उसकी सुनता नजर आए ?ऐसी हालत में बहुत से लोग तकदीर का रोना रोकर बर्दाश्त कर लेते हैं.पर कुछ लोग........?
      यहीं वे विश्वास करने लगते हैं अंतिम न्याय में यानी ....फायनल जस्टिस.फैसला खुद से करने को उतारू हो जाते हैं और यहाँ उनका बर्दाश्त जबाव दे चुका होता है.उठा लेते हैं हथियार और..फैसला ऑन  द स्पॉट.विधायक की हत्या का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है.जो भी हो,मामले में अभी बहुत सारे खुलासे होने हैं और प्रशासन और पुलिस से हम यही उमीद करेंगे कि सच को बाहर आने से नही रोका जाएगा.
क्या विधायक की हत्या फ़ाइनल जस्टिस का केस था? क्या विधायक की हत्या फ़ाइनल जस्टिस का केस  था? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on 7:51 am Rating: 5

1 टिप्पणी:

  1. Rupam ji ne jo kuch bhi kiya wo bilkul sahi hi nahi balki kisi ko ko karna chahiye.yahi uchit hai.jis vidhayak ne uski jindgi barbad kar di uske liye to maut bhi kam hi hui.magar aaj rupam jail me hai ye ham sab logo ke liye sharm ki baat hai unhe insaaf milna chahiye

    जवाब देंहटाएं

Blogger द्वारा संचालित.