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‘कामवाली बाई’ की खबर पर हंगामा क्यूं?

मधेपुरा टाइम्स के लगभग दो साल के सफर में हमने पाठकों की मानसिकता को परखने में काफी वक्त आबाद किये.मर्डर,शख्सियत और सेक्स से जुडी ख़बरों ने जहाँ तहलका मचाया वहीं किसी कार्यक्रम और उपदेश देने वाली ख़बरें टीआरपी के मामले में धडाम से गिरी.लगा कि उपदेश अब इंटरनेट के पाठकों को नही भाता है.मसालेदार ख़बरें अब अधिकाँश पाठकों की पहली पसंद बन चुकी है.
   सेक्स में मधेपुरा आगे निकलता जा रहा है.हम भी इसके विभिन्न पहलूओं की जानकारी एकत्र करने में लगे.ये सामाजिक बदलाव का एक अभिन्न अंग है,पर अब तक जहाँ लोग इससे जुड़ी बहुत सी बातें पर्दे में करना ज्यादा पसंद करते थे,अब खुलते जा रहे हैं.ऑनलाइन समाचार पत्र पर कर तरह की खबर प्रकाशित की जाती है और जिन्हें जो ख़बर अच्छी नहीं लगती वे उसे छोड़ अपनी पसंदीदा खबर पढ़ने में लग जाते हैं.पर क्लिक बताते हैं कि सेक्स से जुड़ी ख़बरें अधिकाँश पाठकों को स्वादपूर्ण लगता हैं.
  मधेपुरा में कुछ कामवाली बाई सेक्स परोस रही हैं और हमने उनकी पूरी जानकारी एकत्रित की और आप तक पहुँचाया.यहाँ फिर से बता देना उचित प्रतीत होता है कि कुछ ही इस धंधे में लिप्त हैं,बाक़ी साफ़-सुथरे हैं जिनका सम्मान हमें करना चाहिए. इसका लिंक हमने फेसबुक पर भी डाला और फिर टिप्पणियों की भरमार सी हो गयी.कुछ पाठकों ने चिंता जाहिर की कि मधेपुरा के बारे में ऐसी ख़बरें नहीं छपनी चाहिए.कुछ ने इसे पसंद किया तो किसी ने इस खबर के औचित्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया और कहा कि मधेपुरा टाइम्स से ऐसी ख़बर की उम्मीद नहीं थी.जो भी हो, हम सभी पाठकों का सम्मान करते हुए कहना चाहते हैं कि दुनियां के सारे समाचार पत्रों पर सेक्स से जुड़ी ख़बरें प्रकाशित होती रहती हैं.हमें पाठकों के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना है.जहाँ तक सोशल नेटवर्किंग साईट से इसके लिंक का प्रश्न है तो अब फेसबुक या कोई भी सोशल नेटवर्किंग साईट अश्लीलता को रोकने के कम ही कदम उठाते हैं.और फिर मधेपुरा टाइम्स पर छपी इस खबर को अश्लीलता के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए,ये एक सूचना मात्र है.इस खबर से कामवाली बाई पर शायद ही कोई असर पड़े पर इनके देहमोह में पड़े उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर तो इस खबर को पढ़कर असर पड़ ही सकता है.शायद उनका विवेक जागे और इस तरह की घटनाओं में कमी आ सके.पर एक बात हमें तय लगती है कि कामसूत्र की धरती भारत में सेक्स के प्रति खुलापन जिस तेजी से बढ़ रहा है,ऐसी घटनाएँ बढेंगी ही,कम होना संभव प्रतीत नहीं होता है.फिर पाठक प्रेम प्रकाश सिंह तो स्पष्ट रूप से कहते हैं कि सेक्स जिंदगी है, हर खुशी सेक्स देता है.....सच क्या है शायद सभी जानते हैं.
‘कामवाली बाई’ की खबर पर हंगामा क्यूं? ‘कामवाली बाई’ की खबर पर हंगामा क्यूं? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on 8:26 pm Rating: 5

1 टिप्पणी:

  1. लोगों की मानसिकता अब भटक चुकी है ..बस उनको हर वक़्त रोमांच चाहिए मसाला चाहिए ... वास्तिविक्ता से उन्हें कोई लेना देना नहीं फिर "चाहे वो आपकी कामवाली हो या आपके पाठक" !!

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