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बरसाती मेढक की तरह टुच्चे नेता दुबके घरों में

चुनाव का मौसम चला गया, अगला चुनाव पंचायत का है जिसमे कुछ विलम्ब है,अधिसूचना जारी होने के बाद ही चुनाव का मौसम आया,समझा जाता है.इस बार के चुनाव में जिस तरह विपक्षी सभी पार्टियों के नेताओं को मुंह की खानी  पडी है,वैसा पहले इनकी जिंदगी में शायद कभी नही हुआ.एक बात जो मधेपुरा में खास देखने को मिल रहा है वो है अभी सड़कों पर नेताओं का पूर्णतया अभाव. सवाल उठता है,कहाँ गए ये नेता? कुछ कद्दावर किस्म के नेता तो अब नयी रणनीति पर विचार कर रहे है.पर क्या अभी खास कर विरोधी पार्टी के टुच्चे नेता मनोबल टूटने के बाद घर में घुस कर रो रहे हैं? या इनमे से बहुत काल के गाल में समा गए हैं?या फिर अब नेतागिरी न करने की कसम खा कर मास्टरी की तैयारी में जुट गए हैं?नीतीश के पिछले पांच साल के सुशासन के दौरान भी बहुत से नेता नियोजित शिक्षक बन कर नेतागिरी से तौबा कर ली.इससे एक बात तो तय है कि नेतागिरी में देश या समाज सेवा का भाव शायद ही निहित होता है,वर्ना चार हजार महीने की कॉन्ट्रेक्ट की सर्विस समाज सेवा पर भारी न पड़ता.इसबार फिर नीतीश ने ६४ हजार शिक्षक बहाली की घोषणा कर दी है.और ढेर सारे नेता लग गए हैं जुगाड़ टेक्नोलोजी में.चुनाव परिणाम के बाद तो निश्चित हो गया है कि इनका मनोबल टूटा है.जहाँ तक काल के गाल में समाने की बात है,ये इतना आसान नही होता है.नेतागिरी की प्रैक्टिस के दौरान ये इतने कठजीव हो जाते हैं कि इनपर ठंढ,गर्म और किसी मौसम का भी कोई असर नही होता है.
     नेताओं की नीयत और नियती पर हम आगे एक विस्तृत बहस की तैयारी कर रहे हैं.पर सत्ता पक्ष की रणनीति बिहार में लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं हुआ.विपक्ष बर्बाद होकर नालायक हो गया यानी किसी लायक नही रहा.पिछले टर्म में इनमे से बहुत मास्टर बन गए,इस टर्म में भी बहुत से बनेंगे और टुच्चे नेताओं की संख्या काफी घट सकती है.इनका ये भी कहना है कि एमएलए फंड खत्म होने के बाद अब बचा ही क्या.हाँ,पंचायत चुनाव में ये अपना भाग्य जरूर आजमाना चाहेगे,पर वहाँ भी अब ढेर सारे हारे हुए पूर्व एमपी और एमएलए हो सकते हैं,यानी वहां भी इनका भविष्य अंधकारमय.हाँ,एक उपाय है इनके पास.चमचागिरी कर पेट भरना,जिसमे इन्हें महारत भी हासिल होती है.वैसे भी अच्छे नेताओं को भी चमचे के रूप में टुच्चे नेताओं की ही जरूरत होती है.
बरसाती मेढक की तरह टुच्चे नेता दुबके घरों में बरसाती मेढक की तरह टुच्चे नेता दुबके घरों में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on 7:24 am Rating: 5

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